हर मंज़र तन्हाई का दर्द भरा नही होता
हर लम्हा जो गुजरे खुद के साथ वह बुरा नही होता
वक़्त दुनिया के लिए दिया बहत हे
हर वक़्त सबके लिए नहीं होता।
हर लम्हा जो गुजरे खुद के साथ वह बुरा नही होता
वक़्त दुनिया के लिए दिया बहत हे
हर वक़्त सबके लिए नहीं होता।
Till a few years ago when today was the future, life was uncertainly beautiful in retrospective sense. We enjoyed the Sun and the sea alike...